जिंदगी अब तुझको भी रुलाऊंगा,,,,,,,,,,,
पुरुष हूँ गिरकर उठकर दौड़ मैं अब फिर से लगाऊंगा।
दिए जख्म - ऐ - जख्म जिंदगी अब तुझको भी रुलाऊंगा।।
रिस्ते - नाते सब मतलब के बने होते समझ नहीं आया।
एक दिन संसार के बनाये नियम भी तोड़ जाऊंगा।।
अच्छा सिला किया मेरी वफाओ का लोगों ने मजबूरी।
बेवफाओ के दिल में प्रेम की एक लौ जला जाऊँगा।।
चलते हैं झूठ के सहारे अपना अहम् मतलब साधने।
उनको भी समय रहते सच्चाई का पाठ पढ़ा जाऊँगा।।
जिनको रास नहीं मेरे उसूलों जिंदगी जीने का तरीका।
उनकी आंखों से भी खून के आंसू बहा जाऊँगा।।
खत्म हो चुका हूँ संघर्षों से "मनीष" कमाल कर जाऊंगा।
डूबता हुआ सूरज हूँ जाते जाते आसमान लाल कर जाऊंगा।।
✍ Mera Jeevan
दिए जख्म - ऐ - जख्म जिंदगी अब तुझको भी रुलाऊंगा।।
रिस्ते - नाते सब मतलब के बने होते समझ नहीं आया।
एक दिन संसार के बनाये नियम भी तोड़ जाऊंगा।।
अच्छा सिला किया मेरी वफाओ का लोगों ने मजबूरी।
बेवफाओ के दिल में प्रेम की एक लौ जला जाऊँगा।।
चलते हैं झूठ के सहारे अपना अहम् मतलब साधने।
उनको भी समय रहते सच्चाई का पाठ पढ़ा जाऊँगा।।
जिनको रास नहीं मेरे उसूलों जिंदगी जीने का तरीका।
उनकी आंखों से भी खून के आंसू बहा जाऊँगा।।
खत्म हो चुका हूँ संघर्षों से "मनीष" कमाल कर जाऊंगा।
डूबता हुआ सूरज हूँ जाते जाते आसमान लाल कर जाऊंगा।।
✍ Mera Jeevan
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