एक गजल और बना ले तो चले जाएंगे,,,,,,,,

गिरते दिल को बचा लें तो चले जाएंगे।
हासिल यकीनन भुला दें तो चले जाएंगे।।

बड़ा ही बोझ है सिर पे तेरे एहसानों का।
शुक्रिया जिंदगी कह लें तो चले जाएंगे।।

फिर कहाँ उससे मुलाकात कभी होनी है।
जहन में चेहरा बसा लें तो चले जाएंगेI

जाने क्यूँ अब भी वो अपना सा हमें लगता है।
उसे अब बेगाना बना लें तो चले जाएंगेI।

मेरे ही अपनो ने ही खाक की तकदीर मेरी।
मरहम -ए -चाँद लगा लें तो चले जाएंगेI

सुकून देते हैं अल्फाज भी पन्नों पर "मनीष"।
एक गजल और बना लें तो चले जाएंगे।।

          ✍ Mera Jeevan

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