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मैं सुलग रहा हूं,,,,,,,,,,,

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ये जो बेरुखी है तेरी क्या कहूँ मैं सुलग रहा हूँ। ये जो बेपरवा है तू हर घडी क्या कहूँ बस सुलग रहा हूँ।। ये जो नादानियाँ हैं जैसे चाँद में दाग हो कहीं। अब बस भी कर ये वार फकत मैं सुलग रहा हूँ।। नारंगी सा है आसमान सुबह सुबह और तेरा इंतजार। रात फिर बीत गयी तेरी याद में मैं बस सुलग रहा हूँ।। मेरे लबों पे तेरा जिक्र कभी गया ही नहीं क्या कहूँ। बड़ी मुक्कमल सी है तन्हाई की रात में सुलग रहा हूँ।। मैंने महसूस की है तेरी आहट कई दफे दर्द भी है। सोचता हूँ की कह दूँ वो बात मैं सुलग रहा हूँ।। अफसोस जरा सा है तो सही जुबान चुप भी है। टूट न जाये मेरी दोस्ती का खुमार मैं सुलग रहा हूँ।। वजह कुछ भी हो तेरे जाने की तू बेवफा नहीं। मैं करूँगा और थोड़ा इंतजार मैं सुलग रहा हूँ।।             ✍ Mera Jeevan

मेरा जीवन,,,,,,,रिश्तो का तीर

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थे वो नींद में और उनको इतना सजाया जा रहा था। बड़े ही प्यार से उनको नहलाया जा रहा था।। ना जाने था वह कौन सा खेल मेरे घर में। बच्चों की तरह उनको कंधे पर उठाया जा रहा था।। थे पास उनके हर अपने उस वक्त। फिर भी हर किसी के मुंह से बुलाया जा रहा था।। जो कभी देखते भी नहीं थे उनको प्यार की निगाहों से। उनके दिल से भी प्यार उन पर लुटाया जा रहा था।। मालूम नहीं हैरान था हर कोई उनको सोता हुआ देखकर। जोर जोर से रो रो कर उनको हंसाया जा रहा था।। कांप उठी थी उनकी रूह वह मुकाम देखकर। पता चला शमशान में उनको जलाया जा रहा था।। रो पड़ा फिर मैं भी वह मंजर देख कर। उनको हमेशा के लिए सुलाया जा रहा था।।                 ✍Mera Jeevan

मेरा जीवन रिश्तो का तीर

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वक्त कब किसका हुआ जो अब मेरा होगा। बुरे बक्त को जानकर सब्र किया मैनें।। किसी को चाहतें रहना कोई गुनाह तो नहीं। चाहत का इजहार न करने का गुनाह किया मैंने।। रिश्तों की जमा पूंजी मुझे बेहतर कौन जानेगा। तन्हा रहकर जिंदगी में गुजारा किया मैंने।। अब तू भी नहीं तेरी यादों की खुशबु भी नहीं। दूर रहकर तेरी याद में हर पल जिया मैनें।। गम मुझसे मिलकर अब मुस्कराता है। जब हर गम को दबा कर पिया मैंने।।               ✍ Mera Jeevan

Mera Jeevan Kora Kagaz

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दिल  का  सारा  दर्द भरा तस्वीरों में। एक मुसव्विर नक़्श हुआ तस्वीरों में।। चंद  लकीरें  तो इस दर्जा गहरी थीं। देखने वाला मैं डूब गया तस्वीरों में।। एक अजब  सा  जादू  बिखरा रंगों का। सब को अपना अक्स दिखा तस्वीरों में।। एक पुराने ज़ख़्म के फिर टाँके टूट गए। एक  पुराना  छुपा दर्द मिला तस्वीरों में।। भूली-बिसरी यादों के मंज़र चमके। गम का एक राज खुला तस्वीरों में।। हर  चेहरे  के पीछे कई चेहरे उभरे। सब का पर्दा फ़ाश हुआ तस्वीरों में।। वक़्त कहाँ हमारी मुट्ठी में आने वाला था। लेकिन हम ने बाँध लिया खुद तस्वीरों में।। बात  जुबान  पर लाने  की पाबंदी थी। हम ने सब कुछ दर्ज किया तस्वीरों में।। देख सकेगा कौन  रिस्ते बनाने वाले को। सब का सारा ध्यान लगा इन तस्वीरों में।।                ✍ Mera Jeevan

रिश्तों के तीर ✍Mera Jeevan

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कभी मासूम सूरत देख ऐतबार न कर। दिलो दिमाग से परखे बिना तू प्यार न कर।। मिलाकर दिल प्यार कर, पर बलात्कार न कर। किसी ग़रीब की अस्मत तू तार-तार न कर।। शैतान को तो ज़रूरी है कुछ सबक सिखाना। किसी शरीफ़-से इंसान का शिकार न कर।। वफा से रिश्ता निभाना ताउम्र साथ देकर। फरेब कर जी दुखा जिंदगी ये खार न कर।। सफ़र में छोड़ गया यार लौट आता नहीं। बेवफा यार का बिलकुल तू इंतज़ार न कर।। सहज सरल प्यार का बाँध चलता है बरसों। चालाकी के वार से चटका तू दरार न कर।। बगल से यार की कतरा निकलना ठीक नहीं। करार जिससे मिले उसको बेकरार न कर।। कभी ज़माने से डरकर ये प्यार चलता नहीं। यक़ीन के मुकाम पर शक़ से तू प्रहार न कर।। मिलें दो दिल तो दिलो जान जरूर वार देना। तू एक तरफा किसी से मगर करार न कर।। ये तंग प्रेम गली दो के वास्ते बनी है। प्रवेश से तीसरे के जीवन बेकार न कर।। रुप स्नेह दावानल सा है सुलगता स्वयं। किसी को मजबूर कर अश्को बौछार न कर।।               ✍Mera Jeevan