मेरा जीवन,,,,,,,रिश्तो का तीर

थे वो नींद में और उनको इतना सजाया जा रहा था।
बड़े ही प्यार से उनको नहलाया जा रहा था।।

ना जाने था वह कौन सा खेल मेरे घर में।
बच्चों की तरह उनको कंधे पर उठाया जा रहा था।।

थे पास उनके हर अपने उस वक्त।
फिर भी हर किसी के मुंह से बुलाया जा रहा था।।

जो कभी देखते भी नहीं थे उनको प्यार की निगाहों से।
उनके दिल से भी प्यार उन पर लुटाया जा रहा था।।

मालूम नहीं हैरान था हर कोई उनको सोता हुआ देखकर।
जोर जोर से रो रो कर उनको हंसाया जा रहा था।।

कांप उठी थी उनकी रूह वह मुकाम देखकर।
पता चला शमशान में उनको जलाया जा रहा था।।

रो पड़ा फिर मैं भी वह मंजर देख कर।
उनको हमेशा के लिए सुलाया जा रहा था।।

                ✍Mera Jeevan

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