दर्द - ए - रिस्ते

जिसकी आँखों में सिर्फ पानी है।

वो गजल आपको सुनानी है।।

अश्क कैसे गिरा दूँ पलकों से।
मेरी बहन की एक निशानी है।।
 
लब पे वो बात ला नहीं पाए।
जो कि हर हाल में बतानी है।।

 कहीं आंसू कहीं तबस्सुम है।
कुछ हकीकत है कुछ कहानी है।।

हमने लिखा नहीं किताबों में।
अपना जो भी है मुंह ज़बानी है।।

कर दी आसान मुश्किलें सारी।
मौत भी किस क़दर सुहानी है।।

आज तो बोल दे 'मनीष' सब कुछ।
ख़त्म पर फिर तो जिंदगानी है।।

       ✍ Mera Jeevan

Manish Saini......
Ajitgarh, (Sikar) Rajasthan

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