तन्हा रहकर ख्वाबों के संग जीना सीख लिया मैंने, हँसकर के अपने अश्कों को पीना सीख लिया मैंने। सभी ख्वाहिशें मन ही मन रह जाती हैं न जाने क्यों ? शायद अपने होठों को भी सीना सीख लिया मैंने।। Manish Saini........
भाई बहन का अनूठा प्रेम........ वो धीरे से मुस्कुराना और वो झूठ-मूठ का गुस्सा दिखाना। समझना मेरी हर बात को और मुझे हर बात समझाना।। वो शाम ढले करना बातें मुझसे और अपनी हर बात मुझे बताना। सुनके मेरी बेवकूफियां तुम्हारा ज़ोर से हंस जाना।। मेरी हर गलती पे लगाना डांट और फिर उस डांट के बाद मुझे प्यार से समझाना। कोई और न होगा तुमसे प्यारा मुझे यह आज मैंने है जाना।। वो राखी और भाई-दूज पे तुम्हारा टीका लगाना। कुमकुम मैं डूबी ऊँगली से मेरा माथा सजाना।। खिलाना मुझे मिठाई प्यार से और दिल से दुआ दे जाना। बाँध के धागा कलाई पे मेरी अपने प्यार को जताना।। कभी बन जाना माँ मेरी और कभी दोस्त बन जाना। देना नसीहतें मुझे और हिदायतें दोहराना।। जब छाये गम का अँधेरा तो खुशी की किरण बनके आना। हाँ मैंने तुम्ही से तो सिखा है मैंने गम मैं मुस्कुराना।। कहता है मन मेरा रहके दूर तुमसे मुझे अब एक लम्हा भी नही बिताना। अब बस "मनीष" को तो है अपनी "लाडो जीजी" के पास है जाना।। हैं बहुत से एहसास दिल मैं समाये पता नही अब इन्हे कैसे है समझाना। बस जान लो इतना "जीजी" बहुत...
दिल में अरमान जगा लिया मैंने। दिन ख़ुशी से बिता लिया मैंने।। एक समंदर को मुँह चिढ़ाना था। रेत पर अपना घर बना लिया मैंने।। अपने दिल को सुकून देने को। एक परिन्दा उड़ा लिया मैंने।। आज आईने ढूंढ़ते फिरे मुझको। ख़ुद को मौत में छुपा लिया मैंने।। ओढ़कर मुस्कुराहटें लब पर। आँसुओं का मज़ा लिया मैंने।। ऐ 'मनीष' चल समेट ले दामन। जो भी पाना था पा लिया मैंने।।
सीने में अब किसी के मसीहा नहीं रहा। लगता है शख़्स कोई भी ज़िंदा नहीं रहा।। पत्थर का ले के दिल जो फिरे हैं जहान में। वो कह रहे हैं आप में ज़ज़्बा नहीं रहा।। सीखे बिना हुनर वो चलाते थे कश्तियाँ। तूफाँ में उनके हाथ सफ़ीना नहीं रहा।। पानी उतर ही जायेगा इक दिन रुआब से। ज्यादा दिनों का कोई दिखावा नहीं रहा।। रखिये न आरज़ू के परिंदों को कैद में। पहुंचा वही फ़लक पे जो ठहरा नहीं रहा।। बढ़ती ही जा रहीं हैं मकानों में मंज़िले। लेकिन किसी भी तल में घरौंदा नहीं रहा।। कैसे करूँ गिला मैं किसी की जफ़ाओं से। साया भी गम की छाँव में अपना नहीं रहा।। लोगों ने ठोकरें ही हमें दीं हैं इस तरह। हमको किसी पे आज भरोसा नहीं रहा।। मुझको पता बता द...